स्थापना - शासकीय दाउ कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्थापना जुलाई 1963 में हुई है। यह महाविद्यालय 1963 में सागर विश्वविद्यालय से संबद्ध था। महाविद्यालय
की स्थापना के साथ ही खेलकूद विभाग की स्थापना हुई एवं महाविद्यालय स्तर पर कबड्डी, खो-खो आदि क्रीडा प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहा।
स्न 1964 में पं.र.शं. शु. वि.वि. की स्थापना होने के बाद, इस महाविद्यालय की संबद्धता पं.र.शं. शु. वि.वि. रायपुर से हो गयी।
पं.र.शं. शु. वि.वि. रायपुर में खेलकूद एवं क्रीडा गतिविधियों का आयोजन सन् 1966-67 से प्रारंभ हुई। तभी से इस महाविद्यालय से कबड्डी टीम ने भग लेना शुरू
किया। इस तरह इस महाविद्यालय में 1966-67 से विधिवत खेलकूद विभाग की स्थापना हुआ।
उद्देश्य - खेलकूद के माध्यम से छात्र-छात्राओं का शारिरीक, मानसिक विकास करना, अनुशासन का पालन करना, खेलकूद के प्रति रूची बढ़ाना, क्रीडा प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करना, एवं खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देना, ताकि, खिलाड़ी उच्च स्तरो की क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में भाग ले सके, और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सके। यह महाद्यिालय के खेलकूद का उद्देश्य रहा है। एवं प्रतियोगी भावना विकसित करना है।
छात्र संख्या - महाविद्यालय में प्रवेशित नियमित छात्र-छात्राएं प्रति वर्ष , खूलकूद में भग ले सकते है। सभी खिलाड़ी छात्रों के लिए क्रीडा विभाग प्रोत्साहित करने का कार्य करता है। प्रति वर्ष इस महाविद्यालय से 250 से 300 की संख्या में विभिन्न स्तरो पर होने वाली विभिन्न खेल विधा की प्रतियोगिताओं में भाग लेते है।
क्रीडा प्रतियोगिताओं का आयोजन - कबड्डी, क्रिकेट, फुटबाल, स्तर की क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन के आधार पर चयनित होकर भाग ले सकते है। सामान्य तौर पर उच्चशिक्षा विभाग एवं विश्वविद्यालय द्वारा
निम्न स्तर पर खेलकूद आयोजित किये जाते है।
1 परिक्षेत्र स्तरीय अंतर महाविद्यालयीन प्रतियोगिता
2 विश्वविद्यालय स्तरीय अंतर महाविद्यालयीन प्रतियोगिता
3 राज्य स्तरीय अंतर परिक्षेत्रीय प्रतियोगिता
4 जोन स्तरीय अंतर महाविद्यालयीन प्रतियोगिता
5 अखिल भारतीय अंतर महाविद्यालयीन प्रतियोगिता
प्रोत्साहन एवं प्रेरणा - विभिन्न स्तरो पर भाग लेने वाले खिलाड़ियों को स्तर के अनुसार प्रमाण पत्र, पुरस्कार, मेडल, कप, ट्राफी आदि प्रदान करके प्रोत्साहित किये जाते है, जिससे खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है। राज्य स्तर एवं उससे उपर की प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को अगली कक्षा में प्रवेश ,किसी शासकीय सेवा में नियुक्त आदि के समय नियमानुसार पात्रता एवं छूट मिलती है।